उनकी ख़ुशी में हर ख़ुशी बसी


महसूस हो रहा हैं
मुझ को हुआ कुछ हैं 
ढूंढता कुछ हूँ 
घुम कुछ हैं
नज़रे छुपा के निहारता हूँ उनको
मै सोचता कुछ हूँ 
और बोलता हूँ कुछ

कांटो की हो डगर
चल्दु मै फूलो का समझ कर
उनकी ख़ुशी में हर ख़ुशी बसी
गर वहा आंखे बरसी
तो यहाँ बरसा हैं समंदर

कभी हो हिम्मत तो
हम राज़ दिल का खोल दे
कुछ आँखों से कुछ लबो से बोल दे
कही वो इंकार न कर दे
बस इस बात से डरा हुआ कुछ हूँ 
और सहमा हुआ हूँ कुछ

:शशिप्रकाश सैनी


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Comments

  1. inkaar ..yes thats d biggest fear bt nvr mind no harm inn giving it a try :)

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