अपनापन
तेरी सुबह हैं मेरी सुबह
तेरी रात मेरी भी रात हैं
कोई दर्द हो तेरा अगर
तो मेरे जिगर की ही बात है
इस ज़िन्दगी को तेरी तलाश थी
तू मिला मुझे तो हुआ यकीं
इस दुनिया में हैं खुदा कही
तेरे होठो पे हंसीं रहे
और दिल में ख़ुशी बशी रहे
खुदा से हैं यही कामना
गमो से न हो सामना
मेरा हर लम्हा हर पल
तेरे ही साथ हो
मेरे हाथ में तेरा हाथ हो
तू हो कोई किताब सा
जो मै रोज़ ही पड़ा करू
तू मेरे ज़िन्दगी का रंग हैं
जो रोज़ मै भरा करू
तू अगर हो सामने
खुदा का हम क्या नाम ले
मेरे ज़मी हैं अस्मा तू
हर ख़ुशी तू हैं जहाँ तू
दिल की धड़कन है खुदा तू
: शशिप्रकाश सैनी
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