आज बरसात हुई है
आज बरसात हुई है पकौड़ों का मौसम है दिल में अरमान ज्यादा है घर में सामान कम है दुनिया को देख हम जलते रहे उम्र भर ऐसी जलन का कोई इलाज नहीं दिल में प्यार तो है पर घर में प्याज नहीं हरी मिर्च है बहोत बेसन सौ ग्राम भी नहीं ज़िंदगी की कढ़ाही भर पाए उस तेल का इंतजाम भी नहीं लोग कहते है चाय और पकौड़ो का रिश्ता अटूट है यहाँ तो जागी हुई नींदों के सारे ख्वाब झूठ है चाय पत्तियां तो है पर दूध नहीं हमारी डिक्शनरी में काली चाय का कोई वजूद नहीं #Sainiऊवाच