Poem Factory


मेरी कविताओ के पिटारे में 
आंसू है हंसी है 
हाँ है ना है
इनकार इज़हार का पूरा ब्योरा है 
कांटे है पत्थर है 
कुछ हीरे मोती बिखरे 
इधर उधर है 

  • भारतीय शिक्षा व्यवस्था पे


  • सामाजिक बुराईयों पे (दहेज , महिला उत्पीड़न, बाल मजदूरी )




  • बड़प्पन की बीमारी 

       दीवारे




        ये गाँधी क्यों है

       तनख्वा लड़ नहीं पाती अब महीने से

       राजनीति की प्रयोगशाला

       मुक बधिर है दिल्ली

      न मंदिर का न मस्जिद का


  • तराना-ए-दिल



         मिल जाए कोई कवयित्री

        साल 1998

        मै मील का पत्थर

       खाली पन्नें

       ना से डरना क्या

      नाता तोडना गुनाह नहीं

      मै अब बोलने लगा हू

     क्या थी नाराज़गी हम समझे नहीं


  • छन्न पकैया 



  • धोखा कब तक प्यार से 

         ज़िंदगी सुबह थी हम जिधर गए उधर गए तुम

         एक से दो से हज़ार से

         प्रेम ना पचा पाए

        पैसा रिश्तों पे भारी है

        लहू से तरबतर है दुनिया

        सीने पर ज़ख्म है और वार कई है

        बात दिल की दिलों में दबी रह गई

        ये कोई प्रेम गीत नहीं


  • मनचले की नज़र 

          इश्क है ज़रा सा

         मै मनचला नहीं


  • सरल है पर ग़ज़ल है 









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