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Showing posts from June, 2011

अभिनन्दन

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ये सोने चांदी का महल नहीं ये मेहनत की परिभाषा हैं जब भारत भारत से लड़ता हैं तब तू ही सब की आशा हैं न जाती की लकीर न धर्म की दीवार आपस में इतना प्रेम यहाँ मानवता हैं  परिवार बनता किसान हैं ग्वाला भी धड़कती पौरुष की ज्वाला भी माटी का मूल सिखाते हैं भोला भाला जो बचपन हैं उसको ये लौह पुरुष बनाते हैं ज्ञान यहाँ मिलता हैं अभिमान नहीं आता इनको परिश्रम इनकी आदत हैं आलस्य नहीं भाता इनको इन कोशिशो का वंदन मै दिल से करता अभिनन्दन : शशिप्रकाश सैनी © 2011 shashiprakash saini,. all rights reserved

महामहिम hepatitis

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घर में बड़ गया tension नहीं रहा अब अपनापन माँ ने दिया ultimatum न करे कोई मुझ पे रहम Marshal law हो गया लागू अबा कहा -कहा मै भागूं माँ ने अस्पताल में दर्ज कराइ F.I.R दफा 420 के तहत शुरू हुआ उपचार दी जाने लगी सब्जियां उबाल कर नमक ऊपर से डाल कर udiliv और livfit  अन्दर करते security बाहर माँ supreme authority बहन ने सभाली गुप्तचर agency हम ने सोचा चलो जान बची मैने उसे धमकाया रिश्वत का लालच दिखया action ने किया reaction उसने हमे धमकाया और रिश्वत भी पाया सालभर से affected हूँ  इन उबली सबज़ियो में कैद हूँ  हुका पानी हैं बंद पर hepatitis नहीं हुआ मंद ए virus के रिश्तेदार ए doctoro के मददगार ए महामहिम hepatitis अब मेरी तो जान छोड़ : शशिप्रकाश सैनी © 2011 shashiprakash saini,. all rights reserved

उनकी ख़ुशी में हर ख़ुशी बसी

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महसूस हो रहा हैं मुझ को हुआ कुछ हैं  ढूंढता कुछ हूँ  घुम कुछ हैं नज़रे छुपा के निहारता हूँ उनको मै सोचता कुछ हूँ  और बोलता हूँ कुछ कांटो की हो डगर चल्दु मै फूलो का समझ कर उनकी ख़ुशी में हर ख़ुशी बसी गर वहा आंखे बरसी तो यहाँ बरसा हैं समंदर कभी हो हिम्मत तो हम राज़ दिल का खोल दे कुछ आँखों से कुछ लबो से बोल दे कही वो इंकार न कर दे बस इस बात से डरा हुआ कुछ हूँ  और सहमा हुआ हूँ कुछ :शशिप्रकाश सैनी © 2011 shashiprakash saini,. all rights reserved

मुक बधिर है दिल्ली

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मुक बधिर हैं दिल्ली  कानो तक आवाज़ नहीं जाती हैं  ये दस जनपथ के गुलाम अपने ही लोगो पे लाठियां चलाते हैं  सात रसे कोर्से रोड नपुंसक इसमें बची कोई लाज नहीं इसकी कोई अपनी आवाज़ नहीं ये जलियावाल बाग़ दोहराती हैं  राजवंश जो कुचल रहा हैं  जनता के अरमानो को भूल  गया हैं  वो की ये देश किसके बाप की नहीं बपौती हैं  कोई मालिक अगर हैं  तो वो जनता एकलौती हैं  : शशिप्रकाश सैनी © 2011 shashiprakash saini,. all rights reserved