Posts

Showing posts from January, 2011

इश्क फरमाए ऐसे थे हालात नहीं

Image
जिनसे मिले ख़यालात  उनसे बनी कभी बात नहीं जिनसे बनी बात  वो मेरे ख़यालात नहीं हम भी इश्क फरमाए  ऐसे थे हालात नहीं जब हुए हालात  तब हुई मुलाक़ात नहीं जिनमे था बैठना  उनमे कोई सौगात नहीं जिसमे दिखा प्यार  उस दिल में मेरे लिए जज़्बात नहीं यही ज़िन्दगी का रोना हैं  दिल दिल नहीं खिलौना हैं  जो खेले बेईमानी से उसे प्यार हज़ार मिले जिसने दिल को समझा दिल उसे बस धुत्कार मिले गम ख़ुशी क्या हैं  ये ज़िन्दगी क्या हैं  चंद सिक्को में बिक जाये वो आदमी क्या हैं  : शशिप्रकाश सैनी © 2011 shashiprakash saini,. all rights reserved

दिल की कोई कीमत नहीं

Image
जो उम्र भर की तेरी बंदगी सिला ये मिला अश्को से जो बही वो थी मेरे जिंदगी अब खुदा से यही चाहूँ अगर दिल दे तो धडकना मत सिखा अगर धडकना सीखता हैं  तो बहकना मत सिखा : शशिप्रकाश सैनी © 2011 shashiprakash saini,. all rights reserved  

मुझे तुम मेरा आस्मा दे दो

Image
किसी को चाँद चाहिये तो किसी को चाँदनी मिले किसी को तारे तो किसी को टिमटिमाहट दिखे मेरी ख्वाइश थोड़ी ज्यादा हैं  मुझे तुम मेरा आस्मा दे दो जब से देखा तो उड़ाने की चाहत रखता हूँ  तो तेरी गहराई में डूबना भी चाहता हूँ  टूटता सितारा हूँ  की जिंदगी का आसरा दे दो मेरे हिस्से का मुझे तुम मेरा आस्मा दे दो मेरे तडपते जिगर को थोडा मरहम दो अगर तुम भी इंसा हो तो रहम दो मै तुम्हारा कुछ भी नहीं मांगता जो मेरा हैं मुझे दे दो मुझे तुम मेरा आस्मा दे दो आंखे बंद कर लो गर सच छुपाना हैं  क्योंकी ये सब कहती हैं  इनकी मेरे लिए सहमति हैं  मुझे तुम मेरा आस्मा दे दो : शशिप्रकाश सैनी © 2011 shashiprakash saini,. all rights reserved

कविताये मायाजाल

Image
जब शब्द माया हो  तो कविताये मायाजाल कवि होता हैं मायावी  जब धड़कने सबकी होती रुकी -रुकी  इनकी आँखों में दिखती जिंदगी काव्य होता कभी प्रकृति का पालना  कभी लक्ष्य होता  गिरते आदर्शो को सम्भालना जब-तब हास्य की छटा बिखेरे  भुलाती दर्द के घेरे  ये दिखाती जिंदगी के लिए समर्पण  ये भावनाओ का दर्पण  जब पाप का भागी बने संसार  तब पुण्य का करती संचार  चाहे भाषाए भिन्न  चाहे आत्माए सुन्न  ये राह पर अटल  चलती संभल-संभल  जब मौत दिखती हरदम  ये जिंदगी की सरगम  जब आदर्श हो पथभ्रष्ट पहुचे आत्मा को कष्ट जब बनता ये जंजाल  तब मै भी रचता मायाजाल : शशिप्रकाश सैनी © 2011 shashiprakash saini,. all rights reserved

नये है रंग

Image
नये हैं रंग रुत हैं नयी तस्वीर बनाने की नये साज़ नयी आवाज़ में कुछ नयी धुन गुनगुनाने की नयी सुबह हैं  नये सूरज के जगमगाने की खठी मीठी यादे पीछे छोड़ आने की नयी उम्मीद नई  आशाए जगाने की जो बीता उसे सम्मान से विदा करे और नये बरस के स्वागत में दीप जलाने की लौ से शोला  शोलो से लपटों में बदल जाने की दिलो से दूरिया मिटाने की बस यही गीत गुनगुनाने की :शशिप्रकाश सैनी © 2011 shashiprakash saini,. all rights reserved